Us Ka Naam Likh Likh Kar Mitana Bhool Jata Hoon, Us Ko Jab Yaad Karta Hoon Bhulana Bhool Jata Hoon, Bohut C Aisi Baatain Hain Jo Mere Dil Mein Rehti Hain, Magar Jab Us Se Milta Hoon Sunana Bhool Jata Hoon, Us Ke Bad Ab Her Pal Bari Mushkil Se Katta Hai, Mein Aksar Us Ko Khawabon Mein Batana Bhool Jata Hoon, Mein Her Sham Kehta Hoon Ke Us Ko Bhool Jaon Ga, Magar Jab Subha Hoti Hai Tu Bholana Bhool Jata Hoon,
I Love You
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Friday, January 29, 2010
चूहों का सभा...
एक मकान में चूहों की जनसंख्या बहुत थी ओ लोग मजे से रहते थे| एक दिन उस मकान का मालिक अपने घर में बिल्ली ला दिया वह बिल्ली बड़ी भयानक लगती थी| बिल्ली को बाहर आते ही सभी चूहे अपने अपने बिलों में जा कर छिप जाते थे और बहुत डरते थे| और बिल्ली रोजाना तीन या चार चूहे खा जाती थी| यह देख सुन कर सभी चूहे अपनी सभा जुटाई उस सभा मुखिया बोला की इस बिषय में लोग अपना अपना राय दे| तो सभी अपना अपना राय दिए किसी का भी राय मन को भाया नहीं तभी एक छोटा चूहा बोला की बिल्ली के गले में एक घंटी बांध दिया जाये और वह जहाँ जायेगी हम को पता चल जायेगा| यह बात सुन कर लोग खूब खुश हुए तभी एक बूढा चूहा बोला की बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधेगा| यह सुनकर सभी लोग शांत हो गए|
यह सच ही कहा गया है की सुझाव देना आसान है लेकिन उसको करना बहुत कठिन होता है|
नहीं होता हैं|...
Pravin singh
Azamgarh
जंगल में शेर, गधा ..
प्रवीन सिंह
आजमगढ़
एक व्यापारी
रमाकांत
जौनपुर
एक गाँव में..
प्रवीन सिंह
आजमगढ़
रवि अपने...
पत्नी: कैसा लग रहा है जी?
रवि : ऐसे जैसे भगवान् विष्णु शेष नाग की गोद में लेटे हों
पति और पत्नी होटल में गए तभी एक औरत ने हैल्लो किया!
पत्नी: कौन थी वो?
पति: तुम दिमाग ख़राब मत करो, मैं पहले ही परेशान हूँ कि वो भी यही पूछेगी!
शीतल (रसोई से निकलते हुए) अपने पति से : सुनिए, आजकल मैं बहुत खुबसूरत होती जा रही हूँ!
पति: तुमने कैसे जाना?
शीतल : देखो न, आजकल मेरी सुन्दरता देखकर रोटियां भी जलने लगी है!
रवि को दिन मे काटा……..
भाई : रिअली डैड।
रमेश : हां , पास हुआ तो पल्सर कॉलेज जाने के लिए और फेल हुआ तो राजदूत दूध बेचने के लिए।
एक हाथी जंगल से जा रहा था , रास्ते में 2 चीटियां मिलीं।
पहली ने कहा इसको मार डालें।
दूसरी ने कहा , नहीं यार , यह ठीक नहीं। दुनिया वाले कहेंगे कि 2 ने मिलकर एक को मार डाला।
एक मच्छर ने रवि को दिन मे काटा।
रवि ने पूछा तुम तो रात में काटते हो , फिर मेरे साथ ऐसा क्यों किया।
मच्छर बोला , आजकल घर की हालत ठीक नहीं चल रही इसलिए ओवरटाइम करना पड़ता है।
एक आतंकवादी...
तभी उस मंदिर का देवता ,आदमी का रूप पकड़ कर आया |
और पूछा – बेटा अगर सेट करते हुए बम फुट गया तो क्या होगा ,
आतंकवादी बोला – मेरे पास दूसरा बम भी है |
रमा - हमने मोबाईल मैरिज़ ब्यूरो सुरु किया है
” रिश्ते के लिए १ दाबे , मगनी के लिए २ दाबे ,और सादी के लिए ३ दाबे “
आशीष – दूसरी सादी के लिए क्या दबाऊ ,
रमा – दूसरी सादी के लिए पहली बीबी का गला दाब दो |
चंटू ने मंटू से पूछा – मनमोहन सिंह ने ममता बेनर्जी को कौन सा पद दिया |
मंटू बोला – सार्ट में या लांग में बताऊ |
चंटू ने कहा – शार्ट में
मंटू बोला – रेल दिया ||
लेडीज डॉ (आशीष ) से – रोज तुम अस्पताल के बहार खड़े होकर , औरंतो को क्यों घूरते हो |
आशीष (लेडीज डॉ) से – मैडम , अस्पताल के सामने ही तो लिखा है कि , औरंतो को देखने का समय -
९ बजे से ११ बजे तक है |
पति पत्नी में लड़ाई हुई। पति ने आत्महत्या करने की सोच कर बाजार से जहर लाकर खा लिया। वो मरे नहीं बीमार हो गए।
पत्नी (गुस्से में बोली) – सौ बार कहा है कि चीजें देखकर खरीदा करो पैसा भी गए और जिस काम के लिए लाए वो भी नहीं हुआ।
अध्यापक – लड़के से पूछा ; तुम्हे सबसे अच्छी आवाज किसकी लगती है ?
लड़को की तरफ से जोर से आवाज आयी- सर , छुट्टी की घंटे की
एक ही दिन कुत्ता और पत्नी दोनों के बीमार होने पर रमेश दोनों के लिए दवा खरीदने गया
,बीमारी बताने के बाद दुकानदार ने दवा दी। दुकानदार
(रमेश से)- ये लीजिए दोनों की दवा। रमेश
(दुकानदार से)- दवाइयों को अलग-अलग लिफाफे में रखकर लिख दो की कौन सी मेरी पत्नी की दवा है और कौन सी कुत्ते की। मैं नहीं चाहता दवाई बदल जाए और मेरे कुत्ते को कुछ हो जाए।
Tuesday, January 26, 2010
सिक्कों के पहाड़ पर ही...
उम्मीदों की बस्ती बसी दिखती है,
पर वह तो धातु से बने हैं
जिनकी ताकत कितनी भी हो
सच पर खरे नहीं उतरते
बैठे हैं वहां तंगदिल लोग
अपने घर बसाकर
जिनकी कलम वहां रखी हर पाई
बस, अपने ही खाते में लिखती है।
———-
नाव के तारणहार खुद नहीं
उस पर चढ़े हैं,
क्योंकि दिल उनके छोटे
नीयत में ख्याल खोटे
पर उनके चरण बड़े हैं।
उड़ने के लिये उन्होंने
विमान जुटा लिये हैं
गरीब की कमाई के सिक्के
अमीर बनाने में लुटा दिये हैं
नदिया में डूब जाये नाव तो
हमदर्दी बेचने के लिये भी वह खड़े हैंकवि,लेखक संपादक-दीपक भारतदीप, ग्वालियर
http://rajlekh.blogspot.com
बीस के...
कहैं दीपक बापूलोग पूछ रहें हैं‘वह मधुर सपना था याखडा है सामने यह कटु सत्य’दिन भर पूछने लगे हैं फिर स्कोरचर्चा करते हैं क्रिकेट कीसांझ हो या भोरचौबीस साल पुरानी कहानीफिर सामने आ रही हैजब विश्व विजेता हुए थेइसी तरह ढ़ेरअब इस कहानी परअगले चौबीस महीने तक भीनहीं चलेगा खेलकाठ की हांडी बार-बार नहीं चढतीछोटी जीत पर बड़ी हर नहीं फबतीबीस का नोट पचास में नहीं चलेगाकितना भी नया हो बीस का ही रहेगापोल खुल जायेगी देर-सबेर
दौलत बनाने निकले...
भला क्या ईमान का रास्ता दिखायेंगे।
अमीरी का रास्ता
गरीबों के जज़्बातों के ऊपर से ही
होकर गुजरता है
जो भी राही निकलेगा
उसके पांव तले नीचे कुचले जायेंगे।
———–
उस रौशनी को देखकर
अंधे होकर शैतानों के गीत मत गाओ।
उसके पीछे अंधेरे में
कई सिसकियां कैद हैं
जिनके आंसुओं से महलों के चिराग रौशन हैं
उनको देखकर रो दोगे तुम भी
बेअक्ली में फंस सकते हो वहां
भले ही अभी मुस्कराओ। कवि,लेखक संपादक-दीपक भारतदीप, ग्वालियर
http://rajlekh.blogspot.com
(special hinti article on gandhi jayanti)
Monday, January 25, 2010
KYUN AKELA CHOD DIYA
pecial Friend मेंस...
pecial Friend मेंस
S= So कूल
P= पेर्सोनाब्ले
E= एक्स्सितिंग
C= Cheers me उप
I= इन्तेल्लिगेंत
A= अदोराब्ले
L= लोविंग
F= फुन्य
R= रेलिअब्ले
I= Incredible हुमौरुस
E= Enjoyable।
N= नीचे
D= देपेंदाब्ले
S= Simple this is for you
Kuch toh majbooriyaan रही...
1 ladka or 1 ladki
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.॥"jis din tumne mujhe chhod dogemain mar jaungi ......
Saturday, January 23, 2010
अजब प्रेम की गजब कहानी
कलाकार : रणबीर , कटरीना
डायरेक्टर : राज कुमार संतोषी
अवधि : 151 मिनट
रेटिंगः
फिल्म की लीड जोड़ी प्रेम शंकर शर्मा ( रणबीर कपूर ) और जैनी ( कटरीना कैफ ) की इस अनोखी प्रेम कहानी का तानाबाना ऐसा रचा गया है कि पूरी फिल्म एक ट्रैक पर समान रफ्तार से दौड़ती है। दरअसल , आज भी बड़े शहरों में आपको ऐसी युवा पीढ़ी मिलेगी जो अपने सपनों की दुनिया में जीने की चाह में सच और वास्तविकता से दूर रहना ज्यादा पसंद करते है। कुछ ऐसा ही हाल प्रेम का भी है , जिसने अपने इन्हीं सपनों को साकार रूप देने की चाह में अपने चंद फटेहाल दोस्तों के साथ हैपी क्लब बना रखा है।
क्लब का सीधा साधा फंडा है ‘ कल के लिए सॉरी नहीं , फ्यूचर की वरी नहीं , आज हैपी रहने का ‘ । नौंवी क्लास में फेल होने के बाद प्रेम अब अपने दोस्तों के साथ इसी क्लब की मेंबर शिप बढ़ाने में लगा है।
प्रेम के इस क्लब का बैक बैलंस जीरो पर है और डैडी ( दर्शन जरीवाला ) को यही चिंता सताए जा रही है कि सपनों की हसीन दुनिया में रहने वाले प्रेम को दुनियादारी की समझ कब आएगी। इसी बीच प्रेम अपने मोहल्ले के एक खाली पड़े वीरान फ्लैट को कमिशन की चाह में जैनी की फैमिली को किराए पर दिलाता है। प्रेम पहली नजर में जैनी पर दिल हार चुका है। मां की मौत के बाद जैनी के डैडी ने दूसरी शादी कर ली और अब सौतेली मां के तानों से तंग जैनी प्रेम को अपना दोस्त समझने लगती है और वहीं प्रेम दिल ही दिल उसे चाहने लगता है। प्रेम का यह सपना उस वक्त टूटता है जब जैनी उसे अपने प्रेमी ( उपेन पटेल ) से मिलवाती है।
मूवीः तुम मिले
कलाकार : : सोहा , इमरान , मंत्रा
डायरेक्टर : कुणाल देशमुख
अवधि : 128 मिनट
सेंसर सर्टिफिकट : यू / ए
कई साल पहले मुसलाधार वारिश (२००५) में हुई थी उसी थीम को लेकर कुणाल देशमुख ने ‘तुम मिले’ फिल्म बनाई है आमतौर से इस विषय पर फिल्म बनाने में एक्सपर्ट महेश भट्ट साहब मुंबई में कहर बरसाती बारिश को बॉक्स ऑफिस पर कैच करने में भला पीछे क्यों रह गए? इस फिल्म में अक्षय (इमरान हाशमी) द्वारा प्रेमिका संजना (सोहा अली खान) ७०% फिल्म में इन दोनों का लव स्टोरी और बाकि में बारिश से बच कर भागते हुए| एह फिल्म का शुरुवात अक्षय और संजना से होती है अक्षय साउथ अफ्रीका के कैप टाउन शहर में पेंटिंग सीखने में लगा है तो संजना अमीर पिता की दौलत पर ऐश करने की बजाय अपने दम पर पहचान बनाने में लगी है। संजना को कायमाबी मिल जाती है वहीँ अक्षय को पीछे रह जाता है जिससे उन दोनों में तनाव के कारण दुरिया बढ जाती है| जब ये दोनों मुंबई आते है तो दोनों हवाई अड्डे पर मिलते है उसी दिन ऐसी बारिश शुरू होती है जो थमने का नाम ही नहीं ले रही है। यह इमरान का दूसरा चान्स था फिल्म में पेंटर बनने का|
रॉकेट सिंह – सेल्समैन ऑफ द इयर
मूवी : रॉकेट सिंह – सेल्समैन ऑफ द इयर
कलाकार : रणबीर , शाहजहां , प्रेम चोपड़ा
निर्माता : आदित्य चोपड़ा
स्क्रिप्ट , डायरेक्टर : शमित अमीन
सेंसर सर्टिफिकेट : यू / ए
अवधि : 151 मिनट
इस फिल्म में रणबीर कपूर (हरिप्रीत सिंह उर्फ़ पाकेट सिंह) एक जानी मानी कम्पनी में सेल्समैन पंद्रह हजार रुपये महीने की जाँब करहा था वह आँफिस में मेहनत और लगन से काम सीखने की ललक और हर मोड़ पर सिर्फ सच बोलने की आदत उसकी सबसे बड़ी मुश्किल बन गई। एक दिन आफिस के बाँस और उसके दोस्त ने रॉकेट सिंह का सेल्स कॉरपोरेशन नाम की ऐसी कंपनी शुरू करता है जिसकी प्लानिंग चाय की दुकान पर होती है। हरप्रीत अब अपनी उसी कंपनी में काम करने वाले चंद अपने जैसे काबिल लेकिन बॉस की नजरों में मिस फिट रहने वाले सहयोगियों को साथ मिलाकर हरप्रीत अपनी कंपनी शुरू करता है जिसमें कोई बॉस नहीं बल्कि सभी पार्टनर है। चूंकि पूरी फिल्म सेल्समैन के आसपास टिकी है , ऐसे में इसमें रोमांस वगैरह की कहीं गुंजाइश ना होने से गीत संगीत में फिल्म का यह कमजोर पक्ष है। टाइटिल सांग पॉकेट में रॉकेट , और हड़बड़ी दो गाने है जिन्हें बस किसी तरह स्क्रिप्ट में फिट किया गया है। हां , रणवीर कपूर और प्रेम चोपड़ा के बीच के पापा बेटे की केमिस्ट्री गजब है। लेकिन एंटरटेनमेंट , रोमांस और एक्शन के शौकीनों के लिए फिल्म में कुछ नहीं।
इतना बड़ा साला हरामी है
मेरे स्कूल का प्रिंसपल बहुत बड़ा कमीना है , साला लड़को को बिना वजय के परेशान करता रहता है | इतना बड़ा साला हरामी है कि बच्चो को गलिया बकता है और हमेशा कहता है यह शुल्क लगा है तुम लोग पैसे जमा करो ,और जो स्कूल में खेलने वाली चीज आती है| उसे खेलने के लिए नहीं देता लाक करके रखता है | साला हरामी बच्चो को पिटता भी बहुत है ,मन तो करता है साले को मिल कर खूब पीटा जाय कुत्ता साला हरामी बच्चो को मरता है |मै साले कि एक दिन माँ बहन एक कर दूगां |
टीचर और छात्रा
कुछ दिन बाद टीचर की निगाहे डगमगा गयी | और वह बुरी निगाह से उसे देखने लगा | फिर टीचर ने उससे कहा……. और कुछ गलत हरकते करने लगा | ओ डर के मारे वह किसी से कुछ नही कहती थी | कुछ दिन बाद जब किसी तरह उसके घर वालो को मालूम हुआ | तो उसके घर वाले ने टीचर की खूब पिटाई की | और उसे पुलिस के हवाले कर दिए | साले एसे लोग है | जो की टीचर नाम को बदनाम कर रहे है | और कुछ लोग इसी वजह से अपने बेटियो को कोचिंग पढाने के लिये मना भी करते है |
मोहब्बत के भी कुछ अंदाज होते है ,
कितनी मुश्किल से कटी कल की मेरी रात न पुछ
दिल से निकली हुई होटों में दबी न पूछ
वो किस अदा से मेरे जज़्बात न पुछ
वक़त जो बदले तो इंसान बदल जाते हैं
क्या नहीं दिखलाते यह गर्दिश -इ- हालात न पूछ
वो किसी का हो भी गया और मुझे खबर न हुई
किस तरह पल में मुझे बेगाना कर दिया
उसने किस तरह अपनों से खाई है मैने मात न पूछ
अब तेरा प्यार नहीं है तो सनम कुछ भी नहीं
कितनी मुसकिल से बनी थी दिल की काएनात न पूछ
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आज रात पर नूर है …
क्योंकि चाँद पर उसको गरूर है …
हम किस पर गरूर करे …
हमारा चाँद ही हमसे दूर है .
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मोहब्बत के भी कुछ अंदाज होते है ,
जागती आँखों में भी कुछ ख्वाब होते है …
जरुरी नहीं की गम में ही आंसू निकाले…
मुस्कराती आँखों में भी सैलाब होते है .
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उन्होंने देखा और आसू गिर पड़े ,
भारी बरसात में जैसे फल गिर पड़े ,
दुःख ये नहीं कि उन्होंने हमें अलविदा कहा ,
दुःख तो ये है कि उसके बाद वो खुद भी रो पड़े |
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इन उदास मुस्कराहटों के पीछे ,
दुम के रेले है ,ये तुम्हे क्या बताये ,
कि तुम बिन हम कितने अकेले है |
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तेरी जुल्फों के निचे सोया था मै ,
नींद खुली तब जब तेरे सपनों में ,
खोया था मैं |
मेरा सब कुछ लूट लिया
छुप-छुप के मिलने चल दिए हम
छुप-छुप के मिलने चल दिए हम
बारिश कि रिमझिम और कुछ हियाँ काँप था
कुछ पास से जो गुजरा तो हम समझे साँप था
बिजली जो कड़की और मुड़ कर जो देखा
छ्ड़ी लिए घूम रहा लड़की का बाप था!!
प्यार का नाटक रचाकर
प्यार का नाटक रचाकर
गाँव के एक नवयुवक ने
गाँव से एक लड़की भगाई
वह स्वभाव से थी रसमलाई
उसे बेचने वह ले गया दिल्ली
रास्ते में दरोगा जी टकराए
वे दोनों सकपकाए,पाँव पकड़ गिड़गिडाये
दरोगा ने उनकी एक न सुनी उल्टे कहा-
तुम साले ऐसे काम करते हो
ऊपर वाले से नही डरते हो
ना जाने किस बहाने उन दोनों को ले गए थाने
लड़की को थाने में रोककर भगा दिया लड़के को मारपीटकर
अगले दिन चटपटी खबर सुनकर सारा मुहल्ला जाग गया
जब लड़की को लेकर दरोगा भाग गया!!
एक थे जनाब रोज लिखा करते थे
अपनी महजबी को ख़त,
और सबके परदे में लिखा करते
अपनी परदानशीन को ख़त
डाकिया रोज दे आता था उस परदानशीन
को ख़त!
सिलसिला कुछ यूँ चला और बढ़ गई बात,
कि वो परदानशीन
जिस पर मरा करते थे जनाब
भाग गई उस डाकिये के साथ!!
ये पत्नी के पूज्य पिताजी कैसे तुमको लिखूं नमस्ते
उल्टा सीधा किया आपने मुझको अच्छा उल्लू फाँसा
कह सोने चाँदी के बर्तन दे डाला सब पीतल काँसा
सिक्के जितने दिए दान में एक-२ सब निकले खोटे
रजत थाल फौलादी निकली अलमुनियम के निकले लोटे
घडी पुराने आदम युग की दिनभर जो चाभी ही खाती
जिसे देखकर बिना बताये
न जाने क्या खता हुई हमसे
दिल के तुकडे हजार किये जाने क्यूँ
न जाने क्या खता हुई हमसे
दिया प्यार का ये सिला जाने क्यूँ ,
नादान दिल मदहोश हुआ नशा ये प्यार में ,
कुछ होश ना रहा जाने क्यूँ ,
सारे चिताएं जला दी अरमानो कि ,
पर तस्वीर दिल से ना मिटा पाए जाने क्यूँ ,
तुकडे-तुकडे हुए सपने मेरे सारे ,
अश्क ना बहा पाए जाने क्यूँ ,
यादों के सारे चिराग बुझा दिए हमने ,
फिर भी भुला ना पाए उसे जाने क्यूँ ,
अब भी है इंतजार उनके लौट आने का ,
दिल के किसी कोने में बसी है आस जाने क्यूँ
Friday, January 15, 2010
Gungunati hain yeh hawayein
Gunuunata hai gagan
Gaa raha hai yeh sara aalam
Zoobi do.PAram Pum
Zoobi doobi zoobi doobi pum para
Zoobi param pum
Zoobi doobi zoobi doobi naache
Kyun pagal stupid maan
Zoobi doobi zoobi doobi pum para
Zoobi param pum
Zoobi doobi zoobi doobi naache
Kyun pagal stupid maan
Shaakhon pe pattey gaa rahe hain
Phoolon pe bhawre gaa rahe
Deewani kirnein gaa rahi hain
Yeh panchhi gaa rahe
Bagiya mein do
Phoolon ki
Ho rahi hai guftgu
Jaisa filmon mein
Hota hai
Ho raha hai
Hu bahoo
Zoobi doobi zoobi doobi pum para
Zoobi doobi param pum
Zoobi doobi zoobi doobi naache
Kyun pagal stupid maan
Zoobi doobi zoobi doobi pum para
Zoobi doobi param pum
Zoobi doobi zoobi doobi naache
Kyun pagal stupid maan
Rimjhim rimjhim rimjhim
San san san san
Hwaaa
Tip tip tip tip
Boondein
Gurrati bijliyaan
Bheegi Bheegi Saare mein
Yun thumke lagati tu
Jaisa filmon mein hota hai
Ho raha hai hu bahoo
Zoobi doobi zoobi doobi pum para
Zoobi doobi param pum
Zoobi doobi zoobi doobi naache
Kyun pagal stupid maan
Zoobi doobi zoobi doobi pum para
Zoobi doobi param pum
Zoobi doobi zoobi doobi naache
Kyun pagal stupid maan
Amber ka chand
Zameen par
Itra ke gaa raha
Ek tim tim toota tara
Ithla ke gaa raha
Hai raat akelin tanha
Mujhe choo le aake
Tu
Jaisa filmo mein hota hai
Ho raha hai hu bahoo
Zoobi doobi zoobi doobi pum para
Zoobi doobi param pum
Zoobi doobi zoobi doobi naache
Kyun pagal stupid maan
Zoobi doobi zoobi doobi pum para
Zoobi doobi param pum
Zoobi doobi zoobi doobi naache
Kyun pagal stupid maan
Jaane nahin denge tujhe
Jaane tujhe denge nahin
Jaane nahin denge tujhe
Jaane tujhe denge nahin
Chahe tujhko rab bulaa le
Hum na rab se darne waale
Raahon mein dat ke
Khade hain hum Yaaron se nazrein Chura le
Chahe jitna dum laage le
Jaane na tujhko aise denge hum
Jaane nahin denge tujhe
Jaane tujhe denge nahin
Do kadam ka yeh safar hai
Umr chhoti si dagar hai
Ek kadam mein ladkhadaya
Kyon
Sunn le yaaron ki yeh baatein
Beetengi sab gum ki raatin
Yaaron se rootha hai saaale
Kyunn
Jaane nahin denge tujhe
Jaane tujhe denge nahin
Jaane nahin denge tujhe
Jaane tujhe denge nahin
Maa ne khat mein kya likhaa
Tha
Jiye tu jug jug yeh kahaa tha
Chaar pal bhi jee na paaye tu
Yaaron se nazrein milaa le
Ek baar tu muskura de
uth ja saale yun sataaata hai
Kyonn
Jaane nahin denge tujhe
Jaane tujhe denge nahin
Jaane nahin denge tujhe
Jaane tujhe denge nahin
Jaane nahin denge tujhe
Jaane tujhe denge nahin
Jaane nahin denge tujhe
Jaane tujhe denge nahin
Saturday, January 9, 2010
Kitni dhoom
__________________
Jab tak
Muskurake हम
__________________
Dost ..
Sabko dost banane ki adat hai hume
__________________
tumsa pyara dost
dosti
dil todna hamari adat nahidil hum kisika dukhate नहीं bharosa rakhna hamari dosti pedost bankar hum kisiko bhulate नहीं...