Wednesday, April 22, 2009

पगड़ी संभाल जट्टा

देस नूँ चल्लो
देस नूँ चल्लो
देस माँगता है क़ुर्बानियाँ
कानूं परदेसां विच रोलिये जवानियाँ
ओय देस नूं चल्लो ...


मातृभूमि ने हमें बुलाया है अब जाना होगा
ज़ंजीरों में क़ैद है वो उसे छुड़ाना होगा
अब ना सहेंगे हम गैरों की गुलामियाँ
देस नूं चल्लो ...


अपने हाथों से हम लिखेंगे अपनी तक़दीरें
हमें बदलनी होंगी इन हाथों की सभी लकीरें
ओ चक्क ले बंदूकां पैजा टूटके ओ हाणियाँ ओय
देस नूं चल्लो ...


जहाँ पे दी गुरु गोविन्द सिंघ नें बेटों की क़ुर्बानी
मिट गई देश की खातिर जहाँ पे झाँसी वाली रानी
चलो वहाँ लिख दें आज़ादी की कहानियाँ ओय
देस नूं चल्लो ...



जोगिया वे जोगिया हाय वे सोणे जोगिया
हो रब कौलों मंगा
रब कौलों मंगा होर की सोणेया
साड्डियां दुआवां तैनूं जी सोणेया
हाय तेरा लश्कारा तू है चाँद हमारा
रब कौलों मंगा ...


छुप छुप देखती हूँ तेरी तस्वीर को हो
कुछ हो गया है रांझे तेरी इस हीर को
रब जाणे कित्ता ए तू की सोणेया
साड्डियां दुआवां ...


अबके बरस जाने रुत कैसी आई है हाँ
प्यार वाले रंग दी मैं चुन्नी रंगवाई है
मैं तो बनी हूँ तेरे लई सोणेया
साड्डियां दुआवां ...



मेर रंग दे बसंती चोला
हो आज रंग दे हो माँ ऐ रंग दे
मेर रंग दे बसंती चोला


आज़ादी को चली ब्याहने दीवानों की टोलियाँ
खून से अपने लिखे देंगे हम इंक़लाब की बोलियाँ
हम वापस लौटेंगे लेकर आज़ादी का डोला
मेर रंग दे ...


ये वो चोला है के जिस पे रंग न चढ़े दूजा
हमने तो बचपन से की थी इस चोले की पूजा
कल तक जो चिंगारी थी वो आज बनी है शोला
मेर रंग दे ...


सपनें में देखा था जिसको आज वही दिन आया है
सूली के उस पार खड़ी है माँ ने हमें बुलाया है
आज मौत के पलड़े में जीवन को हमने तौला
मेर रंग दे ...



मैंनू चा चढ़ेया मैंनू जा फड़ेया
गिद्दा पान्नी आं मैं भंगड़ा तू पा अड़ेया
मौजां कर कुड़िये
कित्थे लंग ही न जावे सोणी रुत अड़िये
ओ की करी जान्नां एं क्यों मरी जान्नां एं
की करी जान्नां एं ओ क्यूं मरी जान्नां एं
ओए की करी जान्ना एं क्यों मरी जान्ना एं


ऐसे ना बुजुर्गों की इज़्ज़तें उछाल ओय
पगड़ी संभाल जट्टा पगड़ी संभाल ओय
ओ की करी ...


हल चलाए तूने ओय तूने फ़सल उगाई
कैसे कोई ले आएगा ये है तेरी कमाई
तोड़ ग़ुलामी की ज़ंजीरें बेबस हो ना ऐसे
तू है भारत माँ का बेटा भूल गया ये कैसे
हुण नहीं अकेला अस्सी सारे तेरे नाल ओय
पगड़ी संभाल ...


ग़म ना कर चमकेगी ओय तकदीर ये तेरी मेरी
आज़ादी का उगेगा सूरज जाएगी रात अंधेरी
ये धरती तेरी है पगले इसपे तेरा राज है
सुन ओय जट्टा तेरी पगड़ी तेरे सर का ताज है
ओय दे दे जवाब सीधा कर ना सवाल ओय
पगड़ी संभाल ...

मेर रंग दे बसंती चोला

देस नूँ चल्लो
देस नूँ चल्लो
देस माँगता है क़ुर्बानियाँ
कानूं परदेसां विच रोलिये जवानियाँ
ओय देस नूं चल्लो ...

मातृभूमि ने हमें बुलाया है अब जाना होगा
ज़ंजीरों में क़ैद है वो उसे छुड़ाना होगा
अब ना सहेंगे हम गैरों की गुलामियाँ
देस नूं चल्लो ...


अपने हाथों से हम लिखेंगे अपनी तक़दीरें
हमें बदलनी होंगी इन हाथों की सभी लकीरें
ओ चक्क ले बंदूकां पैजा टूटके ओ हाणियाँ ओय
देस नूं चल्लो ...


जहाँ पे दी गुरु गोविन्द सिंघ नें बेटों की क़ुर्बानी
मिट गई देश की खातिर जहाँ पे झाँसी वाली रानी
चलो वहाँ लिख दें आज़ादी की कहानियाँ ओय
देस नूं चल्लो ...



जोगिया वे जोगिया हाय वे सोणे जोगिया
हो रब कौलों मंगा
रब कौलों मंगा होर की सोणेया
साड्डियां दुआवां तैनूं जी सोणेया
हाय तेरा लश्कारा तू है चाँद हमारा
रब कौलों मंगा ...


छुप छुप देखती हूँ तेरी तस्वीर को हो
कुछ हो गया है रांझे तेरी इस हीर को
रब जाणे कित्ता ए तू की सोणेया
साड्डियां दुआवां ...


अबके बरस जाने रुत कैसी आई है हाँ
प्यार वाले रंग दी मैं चुन्नी रंगवाई है
मैं तो बनी हूँ तेरे लई सोणेया
साड्डियां दुआवां ...



मेर रंग दे बसंती चोला
हो आज रंग दे हो माँ ऐ रंग दे
मेर रंग दे बसंती चोला


आज़ादी को चली ब्याहने दीवानों की टोलियाँ
खून से अपने लिखे देंगे हम इंक़लाब की बोलियाँ
हम वापस लौटेंगे लेकर आज़ादी का डोला
मेर रंग दे ...


ये वो चोला है के जिस पे रंग न चढ़े दूजा
हमने तो बचपन से की थी इस चोले की पूजा
कल तक जो चिंगारी थी वो आज बनी है शोला
मेर रंग दे ...


सपनें में देखा था जिसको आज वही दिन आया है
सूली के उस पार खड़ी है माँ ने हमें बुलाया है
आज मौत के पलड़े में जीवन को हमने तौला
मेर रंग दे ...

पहला पहला प्यार है

पहला पहला प्यार है
पहली पहली बार है
जान के भी अन्जाना
कैसा मेरा यार है ...


उसकी नज़र, पलकों की चिलमन से मुझे देखती, उसकी नज़र
उसकी हया, अपनी ही चाहत का राज़ खोलति, उसकी हया
छुप के करे जो वफ़ा, ऐसा मेरा यार है
पहला पहला प्यार है ...


वो है निशा, वो ही मेरी ज़िंदगी का भोर है, वो है निशा
उसे है पता, उसकी हाथों में मेरी डोर है, उसे है पता
सारे जहाँ से जुदा, ऐसा मेरा प्यार है
पहला पहला प्यार है ...

देस नूँ चल्लो ॥। मात्रभूमि ने हमें बुलाया

देस नूँ चल्लो
देस नूँ चल्लो
देस माँगता है क़ुर्बानियाँ
कानूं परदेसां विच रोलिये जवानियाँ
ओय देस नूं चल्लो ...


मातृभूमि ने हमें बुलाया है अब जाना होगा
ज़ंजीरों में क़ैद है वो उसे छुड़ाना होगा
अब ना सहेंगे हम गैरों की गुलामियाँ
देस नूं चल्लो ...


अपने हाथों से हम लिखेंगे अपनी तक़दीरें
हमें बदलनी होंगी इन हाथों की सभी लकीरें
ओ चक्क ले बंदूकां पैजा टूटके ओ हाणियाँ ओय
देस नूं चल्लो ...


जहाँ पे दी गुरु गोविन्द सिंघ नें बेटों की क़ुर्बानी
मिट गई देश की खातिर जहाँ पे झाँसी वाली रानी
चलो वहाँ लिख दें आज़ादी की कहानियाँ ओय
देस नूं चल्लो ...

हम आप के, आप के हैं कौन

म आप के हैं कौन
बेचैन है, मेरी नज़र
है प्यार का कैसा असर
न चुप रहो, इतना कहो
हम आप के, आप के हैं कैन ...


ख़ुद को सनम, रोका बड़ा
आखिर मुझे कहना पड़ा
ख़्वाबों में तुम आते हो क्यों
हम आप के, आप के हैं कौन ...


बेचैन है, मेरी नज़र
है प्यार का कैसा असर
हैं होश गुम, पूछो न तुम
हम आप के, आप के हैं कैन ...


कैसे कहूँ दिल की लगी
चेहरा मेरा, पढ़ लो कभी
ये शरम की, सुर्खी कहे
हम आप के, आप के हैं कौन ...

आते जाते, हँसते गाते

आते जाते, हँसते गाते
सोचा था मैं ने मन में कई बार
वो पहली नज़र, हलका सा असर
करता है क्यों दिल को बेक़रार
रुक के चलना, चल के रुकना
ना जाने तुम्हें है किस का इंतज़ार

तेरा वो यकीं, कहीं मैं तो नहीं
लगता है यही क्यों मुझको बार बार
यही सच है, शायद मैं ने प्यार किया

आते जाते, हँसते गाते
सोचा था मैं ने मन में कई बार
होंठों की कली कुछ और खिली
ये दिल पे हुआ है किसका इख़्तियार
तुम कौन हो, बतला तो दो
क्यों करने लगी मैं तुमपे ऐतबार

खामोश रहूँ य मैं कह दूँ
या कर लूँ मैं चुपके से ये स्वीकार
यही सच है, शायद मैं ने प्यार किया

हाँ हाँ, तुमसे, मैं ने प्यार किया

आ जा शाम होने आई

आजा शाम होने आई
मौसम ने ली अंगड़ाई
तो किस बात की है लड़ाई
तू चल मैं आई


बजा क्या है देखो ज़रा तुम घड़ी
गुज़र जाये न प्रेम की ये घड़ी
आती हूँ थोड़ा सा धीरज धरो
लगा दूँगी मैं प्रेम की फिर झड़ी
उतनी ही है दूर तू, जितनी क़रीब है
तेरे मेरे प्यार का किस्सा अजीब है
धत्‌ तेरे की!

अब तो जान पे बन आई
ये है प्यार की गहराई
तो किस बात की है लड़ाई
तू चल, मैं आई ...


बहुत हो चुकी है तेरी दिल्लगी
चले आओ अब शाम ढलने लगी
मेरे दिल में कितनी उमंगें भरी
तुम्हें मैं बताती हूँ आकर अभी
मेरा जादु चल गया, तेरा चेहरा खिल गया
पीछे पीछे मैं चली, आगे आगे तू चला
धत्‌ तेरे की!

तो कर दो सब को अब Goodbye
मैं ने प्यार किया मैं आई
तो किस बात की है लड़ाई
तू चल, मैं आई ...

माई ने माई मुँडेर पे तेरे बोल रहा है कागा

माई ने माई
माई ने माई मुँडेर पे तेरे बोल रहा है कागा - २
जोगन हो गयी तेरी दुलारी मन जोगी संग लागा


माई ने माई मुँडेर पे तेरे बोल रहा है कागा
जोगन हो गई तेरी दुलारी मन जोगी संग लागा


चन्न माहिये चन्न माहिये मेरे डोल सिपैये
चो: चन्न माहिये चन्न माहिये मेरे डोल सिपैये


१) चाँद की तरह चमक रही थी उस जोगी की काया
मेरे द्वारे आकर उसने प्यार का अलक जगाया
अपने तन पे भस्म रमा के - २
सारी रैन वो जागा
जोगन हो गई तेरी दुलारी मन जोगी संग लागा


सुन हिरिये नच हिरिये नच के रंग ज़मा - २

२) मन्नत माँगी थी तुने इक रोज मैं जाऊं बिहायी
इस जोगी के संग मेरी तू कर दे अब कुड़मायी
इन हाथों में लगा दे मेंहदी -२
बाँध शगुन का धागा
जोगन हो गयी तेरी दुलारी मन जोगी संग लागा


माई ने माई मुँडेर पे तेरे बोल रहा है कागा
जोगन हो गई तेरी दुलारी मन जोगी संग लागा

गीत गाता हूँ मैं गुनगुनाता हूँ मैं

गीत गाता हूँ मैं गुनगुनाता हूँ मैं
मैं ने हँसने का वादा किया था कभी
इसलिये अब सदा मुस्कुराता हूँ मैं


ये मुहब्बत के पल कितने अनमोल हैं
कितने फूलों से नाज़ुक मेरे बोल हैं
सब को फूलों की माला पहनाता हूँ मैं
मुस्कुराता हूँ मैं
गीत गाता हूँ मैं ...


रोशनी होगी इतनी किसे थी खबर
मेरे मन का ये दर्पण गया है निखर
साफ़ है अब ये दर्पण दिखाता हूँ मैं
मुस्कुराता हूँ मैं
गीत गाता हूँ मैं ...

दीदी तेरा देवर दिवाना हाय राम कुड़ियों को डाले दाना

Lata
ला ला ...
दीदी तेरा देवर दिवाना
दीदी तेरा देवर दिवाना
हाय राम कुड़ियों को डाले दाना
को: हाय राम कुड़ियों को डाले दाना

(धंधा है ये उसका पुराना) - २
हाय राम कुड़ियों को डाले दाना
को: हाय राम कुड़ियों को डाले दाना

ल ल्ला ...

मैं बोली के लाना यू इमली का दाना
मगर वो छुहारे ले आया दिवाना
मैं बोली मचले है दिल मेरा हाय
वो खरबुजा लाया जो नीम्बू मँगाये
(पगला है कोई उसको बताना) - २
हाय राम कुड़ियों को डाले दाना

को: हाय राम कुड़ियों को डाले दाना

ओय होए होए
दीदी तेरा देवर दिवाना
हाय राम कुड़ियों को डाले दाना

मैं बोली कि लाना तू मिट्टी का हाँड़ी
मगर वो बताशे ले आया अनाड़ी
मैं बोली के लादे मुझे तू खटाई
वो बाज़ार से लेके आया मिठाई
हून मुश्किल है यूं मुझको फँसाना - २
हाय राम कुड़ियों को डाले दाना
को: हाय राम कुड़ियों को डाले दाना

उई माँ
दीदी तेरा देवर दिवाना
हाय राम कुड़ियों को डाले दाना

को: होए होए होए हाय रे हाय होए होए होए हाय रे हाय

SP:
भाभी तेरी बहना को माना -२
हाय राम कुड़ियों का है ज़माना - २

रब्बा मेरे मुझको बचाना - २
हाय राम कुड़ियों का है ज़माना - २

रप्पापपा तुरूरूरू रू रू -२

हुकूम अपका था जो मैने ना मांआ
खतावार हूँ मैं न आया निभाना
सज़ा जो भी दोगे वो मँज़ूर होगी
अजी मेरी मुश्किल कभी दूर होगी
बन्दा है ये खुद से बेगाना - २
हाय राम कुड़ियों का है ज़माना
(को: हाय राम
कुड़ियों का है ज़माना) - ५

खिलाड़ी international खिलाड़ी

छूकर तेरे मन को मन को
हो दिल में हलचल सी होने लगी एक उलझन सी होने लगी
मैं दीवाना सा होने लगा तू भी पागल सी होने लगी
छूकर तेरे मन को ...

दिल में हलचल सी होने लगी एक उलझन सी होने लगी
तू दीवाना सा होने लगा मैं भी पागल सी होने लगी
छूकर तेरे मन को ...

तुझको क्या हुआ मुझको ये बता
दिल है लापता क्या हुआ क्या पता
मैं तो नींदों में खोने लगी मेरी बाहों में सोने लगी
हाँ मैं दीवाना सा ...

अब ना सता हे चुपके से आजा हो
नजरों की राहों से दिल में समा जा
जान-ए-वफ़ा हे तू मेरा हो जा हा
मैं तुझमें खो जाऊं तू मुझमें खो जा
एक मस्ती सी छाने लगी
हो मेरी धड़कन भी गाने लगी
हाँ मैं दीवाना सा ...


छुई मुई सी ओ तितली जैसी ओ इक लड़की है हो सबसे हटके
अरे झटके से दिल ले गई ले गई मेरी जां

सैयां सैयां थाम ले बैयां पड़ूं मैं तेरे पइयां
हाथ पकड़ ले मेरा कर दूंगी ज़ुल्फ़ों की छैयां
सैयां सैयां फिर से कह दे कह दे मुझको सैयां
छैयां छैयां कर दे सजनी तू पलकों की छैयां
मैने कब इंकार किया है तू है मेरी जां
सैयां सैयां थाम ले ...

हो रिमझिम रिमझिम हो बूंदों जैसी हो छम छम करती हो सबसे हटके
अरे झटके से दिल ...

अरे झटके से दिल ले गया ले गया मेरी जां

सैयां सैयां तेरे जैसा और न कोई होगा
तूने दिल को छीन लिया है तौबा मेरी तौबा
छैयां छैयां प्यार की छैयां होती है महबूबा
तेरी झील सी इन आँखों में दिल मेरा ये डूबा
ये आँखें अब घर हैं तेरा सुन ले मेरी जां
सैयां सैयां थाम ले ...

हो बिखरी बिखरी हो सुबह सुबह की हो किरणों जैसी हो सबसे हटके
अरे झटके से दिल ...


ज़िंग लक लक ज़िंग
इक दूणी दूणी ते दो दूणी चार की गल होई तू दस मेरे यार
मैनूं इश्क़ दा चढ़ेया बुखार दिल मेरा लुटेया गया
लुटेया गया लुटेया गया हो मेरे यार दिल मेरा लुटेया गया

हे लड़ गई लड़ गई आँख ये लड़ गई तेरे रूप की मस्ती चढ़ गई
हे तू चाहे तो होश उड़ा दे सूली पे तू मुझे चढ़ा दे
कुछ भी कर ले यार
के दिल मेरा लुटेया गया ...

पहली बार मेरा मन भटका देखके तुझको लगा है झटका
मैने सोचा मिल गया बांका जुड़ गया मेरे प्यार का टांका
दिल बैठी मैं हार
ऐ दिल मेरा लुटेया गया ...

इक दूणी दूणी ते दो दूणी चार दस फिर आगे हुआ क्या यार
की दसिये अक्खां जद लड़ियां प्यार दियां लगियां हथकड़ियां
ओए तूने कर दिया मुझे दीवाना अब तू मुझसे दूर न जाना
छिड़ गए दिल के तार
के दिल मेरा लुटेया गया ...

आअग लगी शोला इक भड़का उसपे तूने पानी छिड़का
तूने किया है कैसा जादू हो गया मेरा दिल बेकाबू
कर ले आँखें चार
के दिल मेरा लुटेया गया ...


हल्का हल्का दर्द है दर्द ये बेदर्द है
चल गया है प्यार का जादू हाँ मेरी तू तू ही तू

हल्का हल्का दर्द है दर्द ये बेदर्द है
धड़कनों पे छा गया है तू ही तू मेरा तू तू ही तू
तू ही तू

घनेरे थे जितने अंधेरों के साए
मुहब्बत के उतने दिये जगमगाए
कभी तुम थे तन्हा ये दिल से भुला दो
बेताब हूँ मैं अपना बना लो
हल्का हल्का दर्द है ...

वफ़ाओं ने तेरी संभाला है मुझको
मैं अपनी आँखों में बसा लूंगा तुझको
तुम्हें चूमती हैं ये मेरी निगाहें
मुझे मिल गई हैं चाहत की राहें
हल्का हल्का दर्द है ...


तू लड़की गोरी चिट्टी है तेरी बहना मोटी काली है
क्यूं बनी न तू दुल्हन मेरी क्यूं बनी तू मेरी साली है
तेरा जीजा तुझपे मरता है तुझे देखके आहें भरता है
तंग हूँ मैं बलमा से अपने तकता है वो तेरे सपने
डर लगता है मेरा सैयां कहीं थाम न ले तेरी बैयां
मेरा सजना बड़ा निखट्टू है वो जुल्मी तुझपे लट्टू है
हाय तौबा हाय तौबा तौबा तौबा तौबा

तौबा मेरी जवानी सौतन बन गई आज तुम्हारी
हे कुंवारी कुड़ी मैं हूं कुंवारी
हे कुड़ी कुंवारी बनी दुश्मन तुम्हारी
हे कुंवारी कुड़ी रह गई कुंवारी
कुड़ी कुंवारी बनी दुश्मन हमारी

हूं अपनी तो उड़ गई है निंदिया क्यूं तूने चमका दी बिंदिया
मैं हूँ जीजे की साली उसकी आधी घरवाली
तेरा बलमा मेरा जोगी वो मेरे प्रेम का रोगी
सैयां तेरा दिलवाला वो है मेरा मतवाला
तेरे सजन की बनूंगी रानी तू भरेगी मेरा पानी
अरे ना जाने कब टलेगी अपने सर से ये बीमारी
हे कुंवारी कुड़ी मैं ...

देख देख तुझे हाय दिल धड़के कोई न देखा तुझसे बढ़के
तुम सब हो मेरी सखियां ना मुझे दिखाओ अंखियां
क्यूं होती हो बेकाबू करो मियां को अपने काबू
तुम उनका दिल बहलाओ बन ठन के उन्हें रिझाओ
इक बात है सीधी सादी नहीं करनी मुझको शादी
कहीं नहीं जाना है मुझको मैं भैया की प्यारी
हे कुंवारी कुड़ी मैं ...

ओ ओ मेरी बहना फूलों की डाली
तेरी बगिया का मैं हूँ माली
तू है मेरा रखवाला बड़े नाज़ से तूने पाला
दिल आज तलक ना भूला तेरी बाहें थी मेरा झूला
तू मेरी उमर भी जी ले तेरे हाथ करूंगा पीले
मैं तेरे प्यार का आदी पर करनी है तेरी शादी
अरे इसी साल ससुराल तू जाने की करले तैयरी
हे कुंवारी कुड़ी मैं ...

हे दीवानी ये लड़की है दीवानी
अरे बनेगी इक दिन अपने राजा की रानी
हे दीवानी तू लड़की है दीवानी


He is a lover. He is a killer.
खिलाड़ी खिलाड़ी international खिलाड़ी
गोली मार या कर ले प्यार
It's a game of love and love is war.
खिलाड़ी खिलाड़ी ...

इस प्यार की खातिर हां खेल मैं खेलूं
या जान मैं दे दूं या जान मैं ले लूं
जब आँख लड़ाए आँख लड़ाए
बाहों में कस लूं कस लूं
जो होंठ मिलाए मैं उसको डस लूं
खिलाड़ी खिलाड़ी ...

हां दिल को लूटूं मैं एक लुटेरा
दिल लूट लिया है पर तूने मेरा
सब झुक जाते हैं झुक जाते हैं
जब मैं आता हूँ मैं आता हूँ
बस प्यार के आगे मैं झुक जाता हूँ
खिलाड़ी खिलाड़ी ...

Monday, April 20, 2009

Devendra4 गर्ल'स






Payar

Payar bahari har ik nigah

aap k naam,

Aur labon se nikalne wali

har ik dua,

aap k naam

Image

Woh Woh...

akhush naseeb hain app kay hum apki dosti ko itni shidat say chaty hain..warna hum tu woh shakhsiat hain jo khuab main bhi appointment say hain


teri hayat ka har lamha shadman guzry,
bahar sajda kary to jahan jahan guzry,
khuda naseeb kary tujhko zindagi ki har khushi,
tu surkhru ho k jab koi imtihan guzry.

chale ja sms ban kay gulab ho gi sachi mohabbat to aye ga jawab agar na aya jawab to mat hona udas samaj lena kay waqat nhi ha hamare liay un kay pas.


Na jane gharwali kaisa roop le kar aayi thi,
Dil aur dimaag par kaali ghata chhayee thi,
Saans bhi lete hain to unhi ka khayal hota hai,
Ab har samay zehan mein ek hi sawal hota hai,
Kya kabhi woh din laut ke aayenge,
Hum ek baar phir kunwaare ban paayenge .

kisi se milny ko dil karta hai,kuch sunny sunany ko dil karta hai,kisi k manany ka andaz aisa ke bar bar roth jane ko dil karta hai.


Arz kiya hai:-
Na jarurat hai sitaron ki,
na jarurat hai faltu yaron ki,
baas 1 dost chahiye aap k jaisa,
jo waat laga de hazaron ki..

Dil Tod Diya Kyon Itna Bata De
Phir Baad Mein Bewafa Jo Chaahe Mujhko Saza De
Teri Berukhi Se Pareshaan Hoon Mein
Na Aaye Samajh Mein Yeh Kya Maajra Hai

AGER MAIN THAK HAAR GIA HON,
KIA JHAGRA TAQDEER K SATH,
JANE KIA KIA BATAIN KI,
AAJ TERI TASVEER K SATH,
AB TO MUGH KO YON LAGTA HAI,
JIS KO DEKHON TO LAGTA HAI,
DIL KO APNAY HATHON BANDHA,
ZULFON KI ZANJEER K SATH...

her roz un ka deedar hota tha
wo din bara khusnasseb hota tha
ati hain yaad adayein un ke
jab b ankhoon main tanhai ka alam hota tha

KISI BHE RAH PAR HUM TUJHE KHONE NAHIN DAIN GE,
JUDA HONA BHE CHAHO HONAE NAHIN DAIN GE,
HAR RAAT TUGHAY AAYE GI MERI YAAD,
AUR US YAAD K PAL TUGHE SONAY NAHIN DAIN GE.

Manzilon ki har ik sada aap k naam,
Mohabaton ki har ik ada aap k naam,

H

हॉट....!!!!!!!!!!!!!!!!?

Very Nice and very good

Thursday, April 16, 2009

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Ek bacha अपनी..

Ek bacha apni mummy se bola k..
mummy aap ko pata hai noker BASHEER hamari masi NOORA ko hamare papa ke bedroom me nanga kr ke uski tangon k beech wale hole me apna tangon ka beech wala DANDA ghusa raha Tha..

mummy chilla kr boli:
use sharam nahi aati, bache k samne aisi harkat krte hue, me abhi uski khabar leTi hoon..

achanak bacha Taalia bajaTe hue bola:

“Mummy April Fool, April Fool wo BASHEER Thori Tha, wo Tou PAPA The… ;->
सच्चा प्यार बनाम बी प्रैक्टिकल
अनिल कान्त :
कहते हैं सच्चा प्यार कभी नहीं मरता ...वो हमेशा जिंदा रहता है ....इंसान मर जाता है लेकिन प्यार नहीं मरता ....कितना अच्छा लगता है ये सब सुनना .....हो सकता है ये संवाद (Dialogue) किसी फिल्म में बोले गए हों .....पर माफ़ करना ऐ दोस्त क्या वाकई ऐसा होता है

मैं तो चलो बहुत पीछे हूँ आशिकों की कतार में ...पर उनका क्या जिसे एक नहीं, दो नहीं पूरे तीन तीन बार सच्चा प्यार हुआ .....मतलब उनकी तीन सच्चे प्यार की कहानियाँ सुनी जाया करेंगी .....

जैसे कि जब उन्हें पहली बार सच्चा प्यार हुआ तो खूब जोरों से हुआ .....लड़की की एक झलक पाने की खातिर उन्होंने क्या क्या पापड नहीं बेले ....कॉलेज बस में तभी चढ़ते जब उनकी महबूबा उसमें होती ...वगैरह वगैरह .....और जब लाइब्रेरी की सुनसान गलियों और खामोश किताबों के दरमियान उन्होंने इजहारे मोहब्बत किया तो लड़की ने ये कह उनके प्यार को अमर कर दिया कि हम दोनों अलग अलग जाति के हैं तो ये संभव नहीं ...मैं अपने परिवार की ही मर्ज़ी या अपनी ही कास्ट के लड़के से शादी कर सकती हूँ ....तब हो सकता है कि किताबों की रूह पर एक नया अध्याय फिर से जुड़ गया हो कि प्यार तो मर सकता है किन्तु जाति प्रथा और जाति के बारे में विचार कभी नहीं मर सकते ....

चलो एक बार इंसान गलती करके सुधर जाता है ...लेकिन फूटी किस्मत उन्हें दोबारा सच्चा प्यार हो गया ...उस मोहल्ले की लड़की से जहाँ रह वो इंजीनियरिंग कर रहे थे .....चलो इस बार पूरी दीन दुनिया से बेखबर हो लड़की ने उनका प्यार कबूल किया और फिर दोनों ने प्यार के सागर में गोते लगाये .....पर बेचारी किस्मत, बेचारा आशिक इस बार भी मारा गया ...राजपूत लड़की से प्यार कर बैठा ....जिसके बाप की कंपनी भी थी ....उसके बाप ने अपनी पॉवर का इस्तमाल करते हुए वहां के कुछ लोकल गुंडों की सहायता ले ऐसा खदेडा कि जिंदगी भर वो प्यार याद रहेगा ....

वो तो भला हो हम जैसे दोस्तों का जिन्होंने वक़्त पर खबर मिलते आशिक दोस्त को रफूचक्कर कर दिया और बाद में आशिक दोस्त के बदले वो गुंडे हम जैसे दोस्तों को लपेटे में ले गए ...और हमे खूब धुना ...पर कसम से हमने जुबान नहीं खोली ...वरना ना जाने आशिक दोस्त का क्या होता ...एक दोस्त तो अपना सूजा हुआ गाल लेकर 15 दिन तक उस प्यार का शोक मनाता रहा .....बाद में लड़की ने ये कह दिया कि मेरे माता पिता की इज्जत है ...और उनके खिलाफ जाकर में तुमसे इस प्यार को आगे नहीं बढा सकती और न ही शादी कर सकती ......क्योंकि तुम्हारी और हमारी जाति अलग है .....

दोस्तों ने मिस्टर आशिक दोस्त को समझाया कि ओ भैये तुझे अपनी ही जाति में (लड़का अनुसूचित जाति का था) कोई लड़की नहीं मिलती मरण के वास्ते .....प्यार करने के वास्ते .....फिर ये दूसरे मामले ने इतना तूल पकडा कि मामला एम.एल.ए तक जा पहुंचा ...और जैसे तैसे लड़के के पिताजी ने अपने जिले के एम.एल.ए की सहायता ले मामला रफा दफा किया ...बेचारे इस प्यार के चक्कर में घर में थू थू हुई इज्जत की सो अलग ....

और फिर भी ना माने ये आशिक महोदय ...तीसरी बार भी ये सच्चा प्यार कर बैठे .....लड़की भी दिलो जान से फ़िदा थी इन पर और दोनों ने खूब दिल खोल कर प्यार किया ...खूब मिले ,फिल्में देखीं, साथ खाना खाया और प्यार की पींगें बढायीं .....पर गलती इस बार भी हो गयी ...भाई साहब इस बार भी दूसरी जाति की लड़की से प्यार कर बैठे .....अब हो गया न बेडा गरक ....लड़की के माँ बाप और भाइयों ने लड़की के मार पीट कर हाथ गोड इकट्ठे कर दिए .....और तमाम धमकियों के साथ मरने मारने की कसमें खा डाली .....लड़की को ऐन वक़्त पर याद आ गया कि वो अपने परिवार से ज्यादा प्यार करती है .... लड़के का सच्चा प्यार रोने लगा और खुद से ही कहने लगा ....ये तो कोई बात नहीं हुई .....फिर सच्चा प्यार कैसे करते हैं

एक मेरे अन्य मित्र हैं इन्होने चन्द दिनों में अपने ऑफिस की लड़की से प्यार की पींगें बढा ली ...और एक दिन लड़की को अपने कमरे पर ले जाकर उसकी रजामंदी सहित प्यार पूरा कर लिया ....और बी प्रैक्टिकल के कागज़ में लपेट कर कंडोम को कूडेदान में फेंक दिया .....कुछ दिनों तक बी प्रैक्टिकल के प्यार को चला दोनों ने एक दूसरे को भरपूर प्यार किया और कई सारे बी प्रैक्टिकल के कागज़ में लिपटे कंडोम कूडेदान में डाले .....फिर एक दिन बी प्रैक्टिकल के नाम पर दोनों ये कहकर अलग हो गए कि शायद हमारा रिश्ता चल नहीं सकता .....

एक दिन हमारे ये दोस्त उसी लड़की से एक मॉल में टकरा गए ...लड़की अपने नए बॉय फ्रैंड के साथ थी और ये अपनी नयी गर्ल फ्रैंड के साथ .....फिर दोनों ने एक दूसरे से मिल हाई हैलो किया ...एक दूसरे के गर्ल फ्रेंड और बॉय फ्रैंड से परिचय करा आगे बढ़ गए ......कमाल है भाई ये बी प्रैक्टिकल .....चलो इसमें जाति प्रथा तो नहीं आई ...ना ही लड़की को अपने माता पिता की इज्जत की चिंता हुई ......खूब प्यार किया बी प्रैक्टिकल के साथ

एक मेरे अन्य मित्र हैं जिनका पिछले 8 साल से अफेयर चल रहा है और उनकी अभी शादी नहीं हुई ...वो दोनों एक दूजे से ही प्यार करते हैं ...हालांकि जाति अलग अलग है ....पर रो पीट कर लड़की के घर वाले इस लड़के से शादी के लिए राज़ी हो गए .....अब कोई परेशानी भी नहीं फिर भी शादी नहीं हुई ....पहले लड़के पर जॉब नहीं थी तो परेशानी ....जब लड़के को जॉब मिल गयी तो लड़की अपनी जॉब के माध्यम से विदेश जाने की चाह की खातिर ....और अच्छी रकम कमाने की खातिर सच्चे प्यार को शादी का इंतज़ार करा पूरे 1 साल के लिए विदेश के टूर पर निकल ली .....सच्चे प्यार को छोड़ ऑस्ट्रेलिया चली गयी ....हाँ बात तो होती है दोनों की ...और लड़की ख़ुशी ख़ुशी वहां पर दोस्तों के साथ खिचाये फोटो भी दिखाती है ...बहुत खुश है वो ....

खुला माहौल है न वहां तो मिनी से भी मिनी स्कर्ट और जींस के ऊपर दिखने वाली चड्डी की फोटो भी खिंचाती है और ख़ुशी ख़ुशी फूली नहीं समाती है .....और अपने इस सच्चे प्यार को दिखाती है ....फिर इस लड़के को वो कही हुई बात याद आती है कि जब उसने इसी अपनी महबूबा से कहा था चलो 2-4 दिन के लिए शिमला घूम कर आते हैं ...तब बोली थी कि घरवाले क्या सोचेंगे ...वो क्या कहेंगे .....अब बार में जाकर दोस्तों के साथ वहां दारू भी पी लेती है ....डांस वगैरह ....अब भाई खुले माहौल में गए हैं तो लुत्फ़ तो उठाना चाहिए ......अब इंडिया में इतना आसान कहाँ ये सब .....फिर कभी कभी उसकी अपने सच्चे प्यार से बीच बीच में लडाई भी होती है ......और कह उठती है कि मेरी अपनी भी कोई प्राइवेट लाइफ है ....पर कोई गल नहीं जी ...8 साल का प्यार है तो टूटने वाला नहीं इतनी आसानी से .....कोई फिक्र नहीं जी शादी तो हो ही जायेगी ...जल्दी क्या है ..पहले दोस्तों के साथ प्राइवेट लाइफ तो जी लें ...आखिर सच्चा प्यार जो है ......

फिर एक दिन बैठा मैं इन सच्चे प्यार बनाम बी प्रैक्टिकल की थ्योरी समझने की कोशिश कर रहा था .....फिर वो पंक्ति याद आ गयी कि सच्चा प्यार कभी नहीं मरता .....हाँ हाँ भाई किसी फिल्म का संवाद (Dialogue) भी हो सकता है :) :).....पर क्या वाकई ऐसा होता है

Form-- अनिल कान्त
निस...

Hum ya soch ker.......

Hum ya soch ker unka dar se uthatha.
ki rok lagiy mana lagiy.
muhjko mager naa...
usna roka naa, naa Aavaj hai di hum.
ahistha-ahistha bdhta gay yha tak ki.
hum unse juda ho gay...

tera pyar ke...

Hum wo nahi jo
tera pyar ke liya tarse gay...
Aray yaar payal hum to phaly bhi kisi se
pyar karte tha or ab bhi kisi se karle gay...

Wednesday, April 15, 2009

dosti tod dege

Dosti mein choti-choti baton se shikva na karna,

gila tab karna jab hum dosti tod dege

kyunki aisa tabhi hoga jab hum ye duniya chod dege.



लड़का लड़की और इंटरनेट....DEVEN

Bollwood best
lovely lady
Hot samira
Jann for katrina kaf

लड़का लड़की और इंटरनेट....

हवा

Aasman humse naraaz hai....,

taaron ka gussa behisab hai..

Log humse jalte hain..

Kyunki chand se pyara Blog or aap hamare paas hai